इटली, वेरोना में एक बिल्डिंग है जिसे कसा दी जुलिएत्ता कहते हैं, अंग्रेजी में इसका मतलब है जूलियट का घर. वही जूलियट जो शेक्सपियर की प्रसिद्द कृति रोमियो और जुलिएट की नायिका है. इस बिल्डिंग में एक बालकनी है. ऐसा माना जाता है कि इसी बालकनी में ऊपर खड़े होकर जूलियट और रोमिओ एक दूसरे से प्रेम का इजहार किया था (हालाँकि मूल कथा में बालकनी का ज़िक्र नहीं है). यह अब एक ट्यूरिस्ट स्पॉट है. वहां तेरह साल की जूलियट की एक कांसे की मूर्ती है, जिसके दाहिने स्तन को छूकर प्रेमी- प्रेमिका अपने प्रेम के सफल होने की कामना करते है. यहाँ एक क्लब भी है जिसे क्लब दी जुलिएत्ता कहते हैं. आज के इस आधुनिक समय में भी प्रत्येक साल यहाँ जूलियट को संबोधित पचास हजार पत्र पहुँचते हैं, जिन्हें दुनिया भर के प्रेमी अपने प्रेम पर जूलियट की राय लेने के लिए भेजते हैं. यहाँ युवती स्वयंसेवकों का एक समूह भी है जो खुद को सक्रेटरीज ऑफ़ जूलियट कहती हैं और संसार भर से आये इन पत्रों का जवाब लिखती हैं. इनकी एक वेबसाईट हैं जहाँ जाकर आप भी जूलियट के पत्रलेखक बन सकते हैं. इस पत्राचार और क्लब के पीछे कोई व्यावसायिक कारण नहीं है.
यह एक महान कवि की महान कृति के संसार पर असर का बेहतरीन उदाहरण है. और यह सुन्दर भी है.