उदासी मेरी मातृभाषा है
हँसी की भाषा मैंने तमाम विदेशी भाषाओं की तरह
ज़िन्दगी चलाने के लिए सीखी है.
कविता की किताब "उदासी मेरी मातृभाषा है " अब ऑनलाइन खरीदने के लिए उपलब्ध है. ख़रीदने के लिए अमेज़ान और वाणी प्रकाशन की साईट के लिंक नीचे हैं. चाहें तो आप दिख रही तस्वीर पर भी क्लीक कर सकते हैं.
अमेज़ान में किताब |
वाणी प्रकाशन में.
अमेज़ान में.
अगर पढ़ें तो अपने विचार ज़रूर बताएं.
- लवली गोस्वामी.
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